WEST BENGAL: नेता के घर रेड डालने पहुंची ईडी टीम पर 200 लोगों ने हमला किया, गाड़ियां तोड़ी गईं
1 min readThe ED team that reached the leader’s house to raid was attacked by 200 people, vehicles were broken.
राशन घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल में कानून प्रवर्तन टीम की जांच जारी है. इस बीच, एक आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम शुक्रवार को छापेमारी करने के लिए उत्तरी 24 परगना पहुंची। हालांकि, ईडी टीम को ग्रामीणों के एक समूह ने घेर लिया और हमला कर दिया। भीड़ ने ईडी कर्मियों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों के वाहनों को भी नष्ट कर दिया।
इस घटना में उत्तरी परगना के सेक्टर 24 के संदशकारी गांव की आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम पर हमला शामिल है। जांच एजेंसियों की एक टीम यहां खाद्य घोटाला मामले में टीएमसी नेता एसके शाहजहां शेख के घर की तलाशी लेने आई थी. इसी दौरान 200 लोगों की भीड़ ने अचानक ईडी टीम पर हमला कर दिया. भीड़ ने पैरामेडिक और उनके साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों की कार को नष्ट कर दिया। जानकारी के मुताबिक, छापेमारी करने पहुंची टीम में आपातकालीन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर भी शामिल थे. भीड़ ने उनकी कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. हालांकि, हमले के बाद टीएमसी नेता एसके शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया गया.
कोटा का 30% खुले बाज़ार में बेचा जाता है ( 30% of the quota is sold in the open market)
पश्चिम बंगाल में खाद्य घोटाले को लेकर ईडी की छापेमारी महीनों से चल रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने पहले खुलासा किया था कि पश्चिम बंगाल में लाभार्थियों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का लगभग 30 प्रतिशत राशन खुले बाजार में चला गया। जांचकर्ताओं ने कहा कि कथित खाद्य चोरी के जरिए लूटा गया पैसा फैक्ट्री मालिकों और पीडीएस व्यापारियों को वितरित किया गया था।
किसान ने फर्जी बैंक खाता खोला ( Farmer opened fake bank account)
चावल मिलों के मालिकों ने किसानों के लिए फर्जी बैंक खाते खोलने और चावल उत्पादकों को दिए जाने वाले एमएसपी को हड़पने के लिए कुछ सहकारी समितियों सहित कुछ लोगों के साथ मिलीभगत की। मुख्य संदिग्धों में से एक ने स्वीकार किया कि चावल मिल के मालिक ने प्रति क्विंटल लगभग 200 रुपये कमाए।
ज्योतिप्रिय मलिक के घर पर भी हुई रेड ( Jyotipriya Malik’s house also raided)
इससे पहले राशन घोटाले के मामले में बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के आवास पर भी ईडी छापेमारी कर चुकी है. ज्योतिप्रिय मलिक वन मंत्री बनने से पहले खाद्य मंत्री का कार्यभार भी संभाल चुक हैं. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने इस कथित घोटाले में चावल मिल मालिक बकीबुर रहमान को गिरफ्तार किया था. 2004 में एक चावल मिल मालिक के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले रहमान ने अगले दो वर्षों में तीन और कंपनियां खड़ी कर लीं. ईडी अधिकारियों के मुताबिक रहमान ने कथित तौर पर शेल कंपनियों की श्रृंखला खोली और पैसे निकाले.
शिक्षक भर्ती घोटाले में अरेस्ट हो चुके हैं मंत्री ( Minister has been arrested in teacher recruitment scam)
बता दें कि टीएमसी के नेताओं पर ईडी की छापेमारी पहले भी होती रही है. भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में जांच एजेंसी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से भी पूछताछ कर चुकी है. बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में 2022 में गिरफ्तार किया जा चुका है.